खुश नही हूं... खुश नही हूं...
हर घड़ी हर पहर खुद को ढूंढता हूंँ मैं हर अक्श में हर पहर में खुद से पूछता हूंँ मैं। हर घड़ी हर पहर खुद को ढूंढता हूंँ मैं हर अक्श में हर पहर में खुद से पूछता हूं...
हे जननी जन्मभूमी माँ शत्-शत् नमन करता हूँ... हे जननी जन्मभूमी माँ शत्-शत् नमन करता हूँ...
मैं खुश हूं कल को भूल कर, अपने आज में खुश हूं। मैं खुश हूं कल को भूल कर, अपने आज में खुश हूं।
वह जो रंग - बिरंगे बैलूनों को बाँधे हुए अपने डंडे में समय से पहले ही बचपन को अलव वह जो रंग - बिरंगे बैलूनों को बाँधे हुए अपने डंडे में समय से पहले ही ...
तेरे ना होने का इंतजार भी नही है, पर अब उदास नहीं हूं मैं! तेरे ना होने का इंतजार भी नही है, पर अब उदास नहीं हूं मैं!